इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विकास और विचारधारा, जो ग्रंथों के लेखन और पठन को आधार प्रदान करते हों, के प्रति जागरूक और व्यक्ति एवं समाज को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों की गहन और सूक्ष्म समझ भी विकसित करना है। वर्ष 2010 में जब नामकरण रामानुजन महाविद्यालय किया गया और तब से यह पूरी तरह से एक प्रातःकालीन महाविद्यालय के रूप में कार्य कर रहा है। विभाग कक्षा और पाठक्रम से अलग विभिन्न बहु-विषयक परियोजनाओं और गतिविधियों जैसे वार्ता, आउटरीच कार्यक्रम, पेपर लेखन, राष्ट्रीय संगोंष्ठी, फिल्म समीक्षा और थिएटर में मार्गदर्शन को बढ़ावा देता है। विभाग विद्यार्थी की मौखिक और लिखित दोनों माध्यम से विश्लेषण, आत्मसात और व्यक्त करने की क्षमता के निर्माण के अलावा शोध-आधारित दृष्टिकोण और स्वतःअधिगम द्वारा ज्ञान की खोज को प्रोत्साहित करता है।