विभाग के बारे में
रामानुजन महाविद्यालय का अर्थशास्त्र विभाग स्नातक स्तर पर अर्थशास्त्र के अध्ययन के लिए सर्वोत्तम विभागों में से एक होने पर गौरवान्वित है । महाविद्यालय में विविध विशेषज्ञताओं और रुचियों वाले युवा और उत्साही संकाय सदस्य हैं ।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में रामानुजन महाविद्यालय में जुलाई 2013 में बी.ए. (विशेष) अर्थशास्त्र के पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई ।
रामानुजन महाविद्यालय की शिक्षण पद्धति विश्वविद्यालय के मानक-व्याख्यान और ट्यूटोरियल-लिखित असाइनमेंट, प्रोजेक्ट कार्य, क्षेत्र भ्रमण और विद्यार्थी प्रस्तुति कक्षा व संगोष्ठी दोनों स्थानों पर जोड़ती है। संकाय उच्च गुणवत्तापूर्ण अर्थशास्त्र की शिक्षा प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही धरातल पर जीवंत शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने का प्रयास करते हैं ।
विभाग की सभी गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को विविध पाठयेतर और सह-पाठयक्रम गतिविधियों में प्रोत्साहित करना है, जो उन्हें निर्धारित पाठ्यक्रम से अलग कार्य करने, शोध करने , आर्थिक मुद्दों का मूल्यांकन करने और विविध विषयों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस संबंध में, विभाग की अर्थशास्त्रीय सोसायटी है -"एसेंज़िया"जो विषय में विद्यार्थियों की रुचि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करती है। एसेंज़िया की गतिविधियां इसके विंग्स - एसेंज़िया अनुसंधान विंग , एसेंज़िया करियर विंग (ईसीडब्लू )और संवाद, साहित्यिक परिचर्चा मंडली तक व्यापक है।
विभाग और उसकी संस्था समावेशन के अपने सामाजिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संचालन और अपने कार्यों का विस्तार करता है। इसी के संदर्भ में, अर्थशास्त्र की आउटरीच संस्था की पहल 'ज़रिया' विभाग के विद्यार्थियों और शिक्षकों का सहयोगात्मक प्रयास है , समाज के उत्थान में योगदान करती है। इसके अतिरिक्त, विभाग विविध सांस्कृतिक, जातीय और प्रजातीय पृष्ठभूमि वाले छात्रों के बीच समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए और विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच सकारात्मक संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित रूप से ओपन हाउस सत्र आयोजित करता है।
विषय की व्यापकता
एक अनुशासन के रूप में अर्थशास्त्र का अध्ययन विश्लेषणात्मक सोच और आर्थिक समस्याओं के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है। भारतीय संदर्भ में विशिष्ट मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ आर्थिक सिद्धांत को सुदृढ़ आधार प्रदान करने हेतु रामानुजन महाविद्यालय में बल दिया जाता है। व्यक्ति द्वारा चयनित किसी भी करियर में तर्कसंगत निर्णय लेने की यह प्रक्रिया बहुत मूल्यवान है।
यह आईईएस, आईएएस, एमबीए, एमएफसी, एमबीई आदि जैसे विभिन्न व्यवसायों के लिए एक मंच प्रदान करता है। बैंकिंग और मार्केटिंग में रुझान रखने वाले विद्यार्थी एमबीए का विकल्प चुन सकते हैं; जबकि शैक्षणिक रूप से अग्रगामी विद्यार्थी अर्थशास्त्र में एम.ए. और पीएच. डी. कर सकते हैं। प्रशासन और आर्थिक नीतियां बनाने में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों में प्रशासनिक सेवा और योजना आयोग अभी भी बहुत लोकप्रिय हैं ।
प्रस्तावित पाठ्यक्रम
बी.ए.(विशेष )अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय के च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के साथ जुड़ा हुआ है।
सीटों की संख्या: 58
सीबीसीएस के अंतर्गत निम्नलिखित पाठ्यक्रम प्रस्तावित हैं:
- कोर पाठ्यक्रम (सीसी): मुख्य पाठ्यक्रम अनिवार्य पाठ्यक्रम है। अर्थशास्त्र (विशेष) के विद्यार्थी को छह सेमेस्टर में इस प्रकार चौदह प्रश्नपत्र लेने होते हैं ।
- वैकल्पिक पाठ्यक्रम (ईसी): वैकल्पिक पाठ्यक्रम एक ऐसा पाठ्यक्रम है जिसे पाठ्यक्रमों के एक निर्दिष्ट समूह में से चुना जाना है। ये पाठ्यक्रम दो प्रकार के होते हैं।
- अनुशासन विशेष ऐच्छिक (डीएसई): ये वैकल्पिक पाठ्यक्रम हैं जो अर्थशास्त्र के विशेष क्षेत्रों में उन्नत स्नातक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। विशेष पाठ्यक्रम के पांचवें और छठे सेमेस्टर में इस तरह के सात, सेमेस्टर में विशेष पाठ्यक्रमों का एक समूह प्रस्तावित किया जाता है। इनमें से हर एक सेमेस्टर में एक विद्यार्थी को संबंधित सेमेस्टर के सात पाठ्यक्रमों के समूह में से दो पाठ्यक्रम लेने होंगे।
- जेनेरिक ऐच्छिक (जीई): ये पाठ्यक्रम, अर्थशास्त्र के अलावा अन्य विषयों में इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य अर्थशास्त्र (विशेष ) पाठ्यक्रम में एक विद्यार्थी के प्रशिक्षण को व्यापक बनाना है। अर्थशास्त्र का एक विद्यार्थी प्रत्येक सेमेस्टर I से IV में दूसरे विभाग द्वारा प्रस्तावित इस प्रकार का एक पाठ्यक्रम पढ़ेगा।
- योग्यता संवर्धन अनिवार्य पाठ्यक्रम (एईसीसी): -प्रथम सेमेस्टर I में (संचार कला, एमआईएल के समकक्ष) और द्वितीय सेमेस्टर II (पर्यावरण विज्ञान) में ऐसे दो पाठ्यक्रम विद्यार्थी को लेने होंगे।
- कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (एसईसी): एक छात्र को सेमेस्टर III में और सेमेस्टर IV में ऐसा पाठ्यक्रम लेना होगा।
पात्रता शर्ते
अर्थशास्त्र (विशेष) में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थी को ग्यारहवीं कक्षा में गणित का अध्ययन करना होगा। बारहवीं और विषय में न्यूनतम 60% अंक प्राप्त हो। गणित को सर्वोत्तम चार विषयों में गिना जाएगा। इसके अलावा, भाषा अनिवार्य है।
शिक्षण का माध्यम: अंग्रेजी और हिंदी