परिकल्पना
सार्थक दुनिया का निर्माण : जिज्ञासा, सामर्थ्य और परिवर्तन
विश्व के महानतम गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जीवन और कार्य से रामानुजन महाविद्यालय ने प्रेरणा ग्रहण किया । रामानुजन महाविद्यालय समर्पण, प्रयत्न और प्रतिबद्धता के मूल्यों का पालन करता है , यही भावना दिल्ली विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य - 'निष्ठा,' 'धृति' और 'सत्यम' में निहित है। महाविद्यालय की परिकल्पना में महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और सी.वी. रमन जैसे महान शिक्षाविदों के विचार अंतर्निहित है।
रामानुजन महाविद्यालय की संकल्पना के अंतर्गत समावेशी-सहयोगात्मक अनुसंधान और अधिगम मानव-समाज की बेहतरी के लिए एक अनवरत प्रक्रिया है जो स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मानवता के लिए उपयोगी हो। रामानुजन महाविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार की खोज के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक उत्थान और एक समतामूलक समाज के निर्माण की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील है |साथ ही,लोकतांत्रिक संरचना और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने हेतु नवोन्मेषी तरीकों के अभ्यास पर विश्वास करता है।
उद्देश्य
रामानुजन महाविद्यालय का उद्देश्य :
- विद्यार्थियों और शिक्षकों को ज्ञानोपार्जन के संसाधनों से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना।
- एक नवोन्मेषी शिक्षण -प्रक्रिया को युगीन सन्दर्भों के अनुकूल बनाना, जहाँ अध्ययन-अध्यापन सामाजिक परिवर्तनों, आवश्यकताओं और चुनौतियों के अनुरूप हो।
- विद्यार्थियों को परिपक्व बुद्धि और भावना से युक्त करना, जो उन्हें नवोन्मेषी विचार और नवीन प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें नेतृत्व-सक्षम बनाए।
- विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व की खोज और परिष्कार करने के साथ-साथ विविधता को स्वीकार और प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करना।
- विद्यार्थियों को रोजगारपरक योग्यता को संवर्धित करके सार्थक करियर बनाने में मदद करना।
- प्रकृति, सभी चराचरों एवं अपने अंतर्मन के साथ समभाव स्थापित करने की प्रतिज्ञा करना।
- अंतरविषयक अधिगम, योग्यता-संवर्धन कार्यक्रमों और विश्व स्तरीय अनुसंधान -सुविधाओं द्वारा सीखने की सार्थक दिशा सुनिश्चित करना।
- अग्रणी शिक्षाविद् और उत्कृष्ट शोधकर्ता के रूप में शिक्षकों को तैयार करना।